TIME मैगजीन ने बदले बोल, अब कहा- 'भारत को जोड़ने वाले' नेता हैं मोदी

Hindi Gaurav :: 29 May 2019 Last Updated : Printemail

Image result for TIME मैगजीन ने बदले बोल, अब कहा- 'भारत को जोड़ने वाले' नेता हैं मोदीलोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों ने भारतीय राजनीति और राजनीतिक पंडितों के अवाला दुनिया के विचारकों को भी दोबारा सोचने पर मजबूर कर दिया है। भारत में जिस समय लोकसभा का चुनाव प्रचार चल रहा था, तब अमेरिका की 'टाइम' मैगजीन ने अपने कवर पेज पर पीएम नरेंद्र मोदी को 'डिवाइडर इन चीफ' यानी तोड़ने वाला मुखिया करार दिया था।

मगर, मोदी की सुनामी में भाजपा को मिली 303 सीटों के बाद टाइम मैगजीन ने यू-टर्न ले लिया है। अब टाइम ने लेख लिखा है कि पीएम मोदी 'डिवाइडर इन चीफ' नहीं, बल्कि भारत को जोड़ने वाले नेता हैं। इसमें कहा गया है कि मोदी ने जिस तरह से भारत को जोड़ा है, उस तरह से किसी पीएम ने बीते दशकों में नहीं किया है।

मंगलवार को टाइम की वेबसाइट में एक आर्टकिल लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि विभाजनकारी इस शख्स ने कैसे न सिर्फ सत्ता को बनाए रखा, बल्कि अपने समर्थन का स्तर भी बढ़ाया? इसका जवाब है- मोदी भारत की सबसे बड़ी गलती 'क्लास डिवाइड' (जातियों में बंटे समाज) को पार करने में कामयाब रहे।

मैगजीन की वेबसाइट पर मनोज लाडवा के लेख को जगह दी गई है, जो मोदी की चुनाव प्रचार टीम का हिस्सा रह चुके हैं। उन्होंने लेख में लिखा है कि मोदी के उभार का श्रेय पिछड़ी जाति में अपनी उत्पत्ति के लिए एक एकीकरण के रूप में दिया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कारक था, जिसमें पश्चिमी मीडिया चूक गया या जानबूझकर छोड़ा गया था, जिसे वे उच्च जाति का वर्चस्व कहते हैं।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी का जन्म भारत के सबसे वंचित सामाजिक समूहों में से एक में हुआ था। शीर्ष तक पहुंचने के लिए उन्होंने आकांक्षी श्रमिक वर्गों की पहचान की। अपने देश के सबसे गरीब नागरिकों के साथ अपनी पहचान की, जिसे नेहरू-गांधी राजनीतिक वंशज नहीं कर सके। बताते चलें कि नेहरू-गांधी परिवार ने आजादी के बाद से 72 वर्षों में भारत का नेतृत्व किया, लेकिन वह इस तरह भारतीय जनता को नहीं जोड़ सके।

बताते चलें कि चुनाव से पहले टाइम ने पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में लिखा था कि भारत में मोदी के खिलाफ कोई बेहतर विकल्प नहीं है। बहुसंख्यक आबादी उन्हें एक ऐसे शख्स के रूप में देखती है, जो समाज में विभाजन करने का काम करता है। साथ ही यह भी कहा था कि दिल्ली की सत्ता पर वो एक बार फिर काबिज हो सकते हैं।

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